बच्चों की किडनी में होने वाला विल्म्स ट्यूमर क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण, इलाज

By: Dr Silky Jain | Updated: Feb 06, 2023

बच्चों की किडनी में होने वाला विल्म्स ट्यूमर क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण, इलाज

Cancer

विल्म्स ट्यूमर आमतौर पर दर्द रहित पेट की गांठ के रूप में सामने आता है, जिसका पता अक्सर बच्चे की मां को उसे स्नान कराते समय चलता है। जानें, क्या है बच्चों में होने वाले विल्म्स ट्यूमर के कारण, लक्षण, इलाज….

बच्चों में कई तरह के ट्यूमर होते हैं, उन्हीं में से एक है विल्म्स ट्यूमर (Wilms tumor)। यह किडनी में होने वाला एक प्रकार का ट्यूमर (Wilms tumor in kidney) है। विल्म्स ट्यूमर को नेफरोब्लास्टोमा भी कहते हैं। ज्यादातर बच्चों में इसका इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है। बच्चों के गुर्दे में होने वाले विल्म्स ट्यूमर के बारे में विस्तार से बता रही हैं जेपी हॉस्पिटल (नोएडा) की पीडियाट्रिक हीमैटो-ऑन्कोलॉजिस्ट और बीएमटी फिजिशियन डॉ. सिल्की जैन….

विल्म्स ट्यूमर के लक्षण (Wilms tumor symptoms)
विल्म्स ट्यूमर के कारण (Causes of Wilms tumor)

बचपन में होने वाले अधिकतर कैंसर, जैसे विल्म्स ट्यूमर सामान्य पर्यावरणीय जोखिम कारणों से जुड़े नहीं होते। हालांकि, विल्म्स ट्यूमर के 10-15 प्रतिशत मामलों में एक आंतरिक जेनेटिक्स सिंड्रोम हो सकता है, जो विल्म्स ट्यूमर होने की संभावना को बढ़ाता है। उदाहरण के लिए डब्लूएजीआर सिंड्रोम (WAGR syndrome) (विल्म्स ट्यूमर की 30% रिस्क) डेनिश-ड्रैश सिंड्रोम (Denys-Drash syndrome) (90% रिस्क) बेकविथ विडमैन सिंड्रोम (Beckwith-Wiedemann syndrome) (5% रिस्क)। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि विल्म्स ट्यूमर के प्रत्येक मरीज में इन सिन्ड्रोम से जुड़े लक्षणो को देखा जाए। यह जेनेटिक काउंसलिंग एवं भावी पीढ़ियों में विल्म्स ट्यूमर की रोकथाम में मदद कर सकती है।

भारत में विल्म्स ट्यूमर रोग कितना दुर्लभ?

विल्म्स ट्यूमर भारत में होने वाला पांचवां सबसे आम ट्यूमर है, जो बच्चों के कैंसर में 5 से 6% मामले विल्म्स ट्यूमर के होते हैं। भारत में निदान और रजिस्ट्रेशन की विभिन्न स्थितियों के चलते इसकी सटीक संख्या बता पाना मुश्किल है। हालांकि, हाल ही में सामने आए एक एनालिसिस में पाया गया है कि 0 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों में प्रति मिलियन 8.2 बच्चों में रीनल ट्यूमर की समस्या सामने आई है। इस तरह करीब 3000 केसेस प्रतिवर्ष भारत में रीनल ट्यूमर के सामने आते हैं, जो कि एक छोटी संख्या नहीं है। इनमें से 90% से ज्यादा केसेस विल्म्स ट्यूमर के होते हैं।

किस आयु वर्ग में सबसे ज्यादा होती है ये बीमारी?

इस बीमारी की सबसे सामान्य उम्र 3 से 5 वर्ष के बीच की है। 90% केसेस 6 वर्ष की उम्र से पहले सामने आते हैं।

विल्म्स ट्यूमर का उपचार (Wilms tumor Treatment)

सभी कैसेस में सर्जरी और कीमोथेरेपी (कैंसर सेल्स को मारने वाली दवाइयां) के कॉम्बिनेशन की आवश्यकता होती है। यदि सर्जरी से ट्यूमर को पूरी तरह बाहर भी निकाल दिया जाए, तो भी पूर्णत: उपचार के लिए कीमोथेरेपी लिए जाने की आवश्यकता होती है। कीमोथेरेपी की संख्या और इसका स्तर बीमारी के स्तर के आधार पर तय किया जाता है। कुछ रोगियों में एब्डोमेन या लंग्स को लोकल रेडिएशन दिए जाने की आवश्यकता बीमारी और माइक्रोस्कोपिक फाइंडिंग (ट्यूमर में सेल्स के प्रकार) के आधार पर हो सकती है।

बचने की संभावना कितनी होती है?

यह एक ऐसा पीडियाट्रिक कैंसर है, जिसमें उपचार की संभावना 80 से 90% तक होती है। बशर्ते पीडियाट्रिक हीमैटो ऑन्कोलॉजिस्ट की सलाह पर पूरा उपचार लिया जाए। बीमारी के अधिक बढ़ने पर भी 70% केसेस में इसका पूर्ण इलाज किया जा सकता है।